5 Peer Ki Sadhana
5 Peer Ki Sadhana, “दोस्तों, किसी भी साधना को शुरू करने से पहले उसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि बिना किसी जानकारी के आप साधना को पूरा नहीं कर सकते। आज हम आपको 5 पीरों की साधना करवाने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले आपको लिए यह जानना जरूरी है कि ये 5 पीर कौन थे। और इनका क्या इतिहास था।
सबसे पहले आपको इन पांच पीर के नाम बता देते है। दाता गंज बख्श, शेख बाबा फ़रीद शक्करगंज, हजरत बाहा उद्दीन जकारिया, लाल शाहबाज कलंदर, सैय्यद जलालुद्दीन भूखड़ी। ये सभी पीर सूफी संत थे। जो गरीब और बेसहारा लोगों की मदद किया करते है। इनके दरवाज़े पर जो कोई भी व्यक्ति जाता है। वो कभी खाली हाथ नहीं लौटाता है। आज भी लोग बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ 5 Peer Ki Sadhana किया करते है। और अपनी मुरादों को पूरी करवाते है।
Peer Ki Sadhana
अगर आपने इन 5 पीर की दिल से सेवा करनी शुरू कर दी, तो ये पीर आपको ज़मीन से उठ कर आसमान पर बैठेंगे। आपको हर वो ख़ुशी देंगे। जिसके लिए आप दिन रात तरसते है। आपके हर एक दुःख को सुख में बदल देंगे। आपके रुके हुए काम को चला देंगे। आपकी खाली झोली को खुशियों से भर देंगे। ये पीर बाबा फ़क़ीर है, लेकिन आपको इतना कुछ दे सकते है। जो आप कभी सपने में भी नहीं सोच सकते है।
कुछ घरों में बड़े बुज़ुर्ग पीर बाबा की सेवा करते चले आ रहे थे। और उनके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी। लेकिन बड़े बुजुर्गों के जाने के बाद जिंदगी के हालात बद से बदतर हो गए है। घर में खाने के दाना नहीं है। क़र्ज़ वाले दिन रात आपको परेशान करते है। लेकिन हालत ठीक होने की जगह और भी ज्यादा ख़राब होते चले जा रहे है। तब आपको चाहिए की आप 5 Peer Ki Sadhana करके उनको अपने घर में फिर से बुलाये। ये जो साधना है, वो पाँचों पीर को एक साथ बुलाने की साधना है।
- साधना में सफ़ेद हकीक की माला की का इस्तेमाल करे, अन्य कोई माला से साधना सिद्ध ना करे।
- साधना का दिन गुरुवार को रहेगा। साधना का समय 6:30 मिनट से 7:15 मिनट तक रहेगा।
- साधना खाली कमरे में करें, और साधना के समय पीले रंग के कपड़े धारण करें।
- काले रंग का कपडा ज़मीन पर बिछाकर उस पर पश्चिम दिशा की और मुँह करके बैठ जाए।
- अपने सामने एक पांच पीर की फोटो रखे।
- फोटो के सामने ये सामान रखे। मीठे चावल, सरसो के तेल का दीपक, अगरबत्ती, एक 786 वाली हरी चादर।
- ये पीर को बुलाने का एक महामंत्र है-
- बिसमिल्लाह रहमाने रहीम, मियां गाजी पीर, जींद।
पीर ख्वाजा, खिजर पीर, शेख फ़रीद पीर, पीर बदर।
घोड़े पर भीड़ चढ़ो, मदद मेरी पंच करो।
जो मेरा काम न करो, तो मुहम्मद रसूल अल्लाह
की दुहाई।
Data Ganj Bakhsh Peer Ki Sadhana
जो पीर बाबा सबसे पहले नंबर आते है। उनका नाम दाता गंज बख्श पीर जी है। सबसे ज्यादा लोग इन्हीं पीर बाबा की सेवा करते हैं। क्योंकि ये पीर बाबा अपने भक्तों को बिना कुछ मांगे ही उनकी हर इच्छा पूरी कर देते है। इस पीर बाबा की भक्ति से आपके घर में बरकत आना शुरू हो जाती है। घर में और जेब में हमेशा पैसे भरे रहते हैं। जो लोग गरीब हैं, उनके लिए आज मैं Data Ganj Bakhsh Peer Ki Sadhana लेकर आया हूँ। इस पीर साधना को करने के बाद आपके दौलत के बंद पड़े दरवाजे आज खुल जाएंगे।
जो भिखारी को भी राजा बना दे। उसे ही कहा दाता गंज बख्श पीर कहा जाता है। अगर आपको कारोबार काफी सालों से बंद पड़ा है। या फिर आपकी दुकान में कोई ग्राहक नहीं आता है। तब आप इस पीर साधना को करके देखें। साधना के दूसरे दिन से ही आपको अपने काम से फुर्सत नहीं मिलेगी। आपके दुकान के बाहर ग्राहकों की लंबी लाइन लग जाएगी। आपका बंद हुआ कारोबार फिर से खड़ा हो जाएगा।
Fariduddin Ganjshakar Peer Ki Sadhana
इन पीर को बाबा फ़रीद के नाम से भी लोग जानते हैं। और कुछ लोग गंज शकर नाम से इस पीर को बुलाते है। आपने भी कभी ना कभी बाबा फ़रीद जी का नाम जरूर सुना होगा। इनका जिक्र सिख धर्म के पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में भी है। सभी वालियों में बाबा फ़रीद का नाम बहुत ऊँचा है। जो लोग बीमारी से या किसी भी तकलीफ से परेशान है। वे लोग इस पीर की साधना को दिल खोल कर सकते है। इस साधना को करने के बाद आपकी ज़िन्दगी की सारी मुश्किल हल हो जाएगी।
फ़रीद बाबा को 12 साल की उमर में ही मुँह ज़बानी पूरी कुरान ए पाक याद हो गई थी। ये शक्कर खाने के बहुत शौकीन थे। इसलिए कुछ लोग इनको शक्करगंज के नाम से भी बुलाते हैं। इनका सामान मुस्लिम धर्म के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग करते थे। ये पीर अपने समय में सूफी संत और पंजाबी कवि हुआ करते थे। इनके वालिद साहब का नाम शेख सागरुद्दीन सुलेमान और वालिदा का नाम मरियम बीबी था।
बाबा फ़रीद के पीर मुर्शिद कुतुबुद्दीन बख्तियार हुआ करते थे और इन्हें अपना गुरु माना करते थे। बाबा फ़रीद अपने गुरु की दिल और जान से सेवा किया करते थे। आज जो लोग अपनी ज़िन्दगी से परेशान हो चुके है। वो लोग एक बार इस फरीदुद्दीन गंज शकर पीर जी की साधना करके देखे। एक ही दिन के अंदर आपकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी। बाबा फ़रीद के ऐसे चमत्कार होंगे, की आपकी सोई हुई किस्मत जाग जाएगी।
बाबा फ़रीद जी की एक कहानी है, जब वो छोटे बच्चे हुआ करते थे। तब उनकी माता उनको नमाज़ पढ़ने के लिए कहती थी। और लालच के लिए उनके जनमाज़ के नीचे शक्कर छिपा कर रख दिया करती थी। जब वो नमाज़ अदा करके जनमाज़ के नीचे देखते थे। तब वो उसे अल्लाह का करिश्मा मान लिया करता थे। एक दिन उनकी माता ने शक्कर रखना भूल गई। और जब वो देखते हैं, कि फ़रीद जनमाज़ के छुपी हुई शक्कर खा रहे थे। जिसे देख कर उनकी माता के होश उड़ गए। उस दिन के बाद उनको बाबा शक्करगंज के नाम से जाना जाने लगा।
बाबा फ़रीद जी की 3 शादियाँ हुई थी। पहली बीवी का नाम बीवी हज़ाबरा, दूसरी बीवी का नाम बीवी शारदा जी और तीसरी बीवी का नाम बीवी शक्कर जी था। इनके 5 लड़के और 3 बेटियां थीं।
Hazrat Bahauddin Zakariya Peer Sadhana
तीसरे पीरो में हजरत बाहा उद्दीन जकारिया का नाम आता है। इनके वालिद का नाम शेक वाजउद्दीन था और इनकी वालिदा का बीबी फातिमा था। हजरत बाहा उद्दीन जकारिया अपने समय के एक प्रसिद्ध सूफी और कवि थे। उनकी मजार मुल्तान शहर में है। ये बचपन से गरीब लोगों की मदद किया करते थे। हर दिन भूखे लोगों को लंगर खिलाया करते थे। जब भी कोई मांगने वाला इनके दर पर आता था। वो कभी खाली हाथ वापिस नहीं जाता था।
- इस पीर की साधना को लड़कियां और औरतें नहीं कर सकती है।
- साधना के दिन आपको बीज वाली कोई सब्जी या फल नहीं खाना है।
- इस साधना को अमावस के दिन को करना है। अगर अमावस के दिन वीरवार होगा, तो साधना के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
- सुबह 4 बजे जल्दी उठ जाना है, और साधना को सुबह 6 बजे से पहले-पहले पूर्ण कर लेना है।
- नहाकर पीले रंग के कपडे पहनकर, 7 मोतीचूर के लड्डू किसी ऐसे पीपल के पेड़ नीचे रखकर आने है। जो बिलकुल हरा भरा हो।
- लड्डू रखने के साथ ही इस महामंत्र को 17 बार बोलना है- पीर निगाहें वाले कर मेरे उते मेहर
- घर वापस आते वक्त रस्ते में कही रुकना नहीं है और पीछे मुड़कर बिल्कुल भी न देखे।
अगर घर में और कारोबार में बरकत चाहते है। अगर नौकरी की तलाश में यहाँ वहाँ भटक रहे है। शादी से जुड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं। तो आज ही बिना सोचे हजरत बाहा उद्दीन जकारिया पीर की साधना करे।
Lal Shahbaz Qalandar Peer Ki Sadhana
लाल शाहबाज कलंदर ये गीत दुनिया भर में आज भी मशहूर है। इनको कोई भाषा का ज्ञान था। इन्हें गरीब लोगों की मदद करना अच्छा लगता था। इनकी मजार पर जो कोई भी शख्स जाता है। उसकी बीमारी तुरंत ठीक हो जाती है। चाहे फिर वो बीमारी लाइलाज ही क्यों ना हो। अगर आपको लगता है, की आपके घर पर किसी ने काला जादू या जिन्नात भेज दिया है। तो आप इस साधना को ज़रूर करे। साधना के फ़ौरन बाद घर में जितने भी भूत प्रेत, जिन्न जिन्नात होंगे, सब उलटे पैर भाग जाएंगे।
जो लोग गरीब लोगों की मदद करते हैं। बाबा लाल शाहबाज कलंदर उनको बदले में 10 गुना ज्यादा वापिस देते हैं। कहने का मतलब ये है, कि आप बाबा लाल शाहबाज पीर की राह पर 10 रुपये खर्च करेंगे, तो पीर मुर्शिद 10 लाख रुपये वापस लौटते हैं। लेकिन ये बात सदका करते समय याद रखे की, सदके के वक्त आपके दिल में कोई गंदगी नहीं होनी चाहिए। मन में किसी तरह का कोई लालच नहीं होना चाहिए। निस्वार्थ होकर खुले दिल से लोगों की मदद करनी है।
अगर आप काफी सालो से बीमारी से परेशान हैं। घर से बीमारियां जाने का नाम नहीं ले रही है। आप अस्पताल के चक्कर काटते थक चुके तो आज ही लाल शाहबाज कलंदर Peer Ki Sadhana करें। इनकी अपार शक्ति से आपका कल्याण हो जाएगा।
- ये साधना मुस्लिम साधना है। इसको पाक साफ़ हालत में ही करे।
- साधना का राज़ घर से बाहर वालों को पता नहीं चलने देना है।
- वीरवार की शाम पूरे घर में लोबान की धूनी करे। एक पांच मुखी दीपक रोशन करे।
- घर की छत पर चूरमे के 7 लड्डू रख दे। उसके बाद 41 बार ये मंत्र का जाप करना है।
- मंत्र- या खुदा पीर नेक, लाल शाहबाज इस्लाम दरगाह का कमाल दिखा, खुदा का फरिश्ता बुला, अला बला को दूर भगा, खुदा का करिश्मा दिखा, जिन्न जिन्नात खबीस को उल्टे पैर लटका, चिराग बैठा खुदा के जन्नत में, बाबा शाहबाज मेरा फरियाद सुन, भला नहीं तो हुकुम सुलेमान पैगंबर के दुहाई, एक लाख अस्सी हजार पीर पैग़म्बर के।
- उसके बाद चूरमा के सभी लड्डू को छोटे बच्चों में बाँट देना है।
सबर में इतनी ज्यादा ताक़त है, कि पीर आपकी सेवा देख कर। आपकी किस्मत में वो लिख देते हैं। जो आपके पहले 7 जन्म में भी नहीं लिखा था। लाल शाहबाज पीर आपको वो चीज़ दे देता है। जो आपके नसीब में नहीं लिखा होता है।
Baba Syed Jalaluddin Peer Ki Sadhana
Peer Baba Ko Bulane Ka Mantra
इस दुनिया में पीर बाबा को मनाने वाले अनेकों इंसान हैं। पीर हिन्दू और मुस्लिम दोनों तरह के होते है। आज हम सिर्फ मुस्लिम पीर की ही बात करने वाले है। इन पांच पीर की दरगाह पंजाब के अबोहर में स्थित है। यहां सावन की 15 तारीख को मेला लगता है। मेले में हर धर्म के लोग अपनी मुराद लेकर अपनी माथा टेकने आते है। पांचों पीर घोड़ो से बहुत मोहब्बत किया करते थे। आज मैं आपको पीर बाबा को कैसे बुलाया जाता है? इसकी पूरी विधि आसान तरीके से बताने वाला हूँ।
जब आपका पीर आपसे नाराज़ हो जाता है, तो वह आपकी जिंदगी की परीक्षा लेते हैं। लेकिन कुछ भक्त ऐसे होते हैं जो जल्दी हार मान लेते है। अपने पीर को छोड़ कर किसी दूसरे बाबा की सेवा करने लग जाते हैं। जो लोग एक पीर बाबा को नहीं अनेकों पीर बाबा को मानने लग जाते है। दर-दर पर जाकर अपनी झोली फैलाते है। ऐसे लोगों को पीर बाबा कुछ नहीं देते है और उने बहुत ज्यादा दुखी रखते है। उनके पास जो कुछ होता है, वो सब भी उनसे छीन लेते है।
कुछ लोग सोचते हैं, कि 5 पीर का चिराग घर में रोशन करना चाहिए या नहीं। देखिए दोस्तों अगर आपके दिल में पंच पीर के लिए मोहब्बत है, तो आप चिराग को कहीं सुनसान जगह पर भी रोशन करेंगे। तब भी पीर बाबा आपकी सेवा से खुश हो जाएंगे। इस साधना से आप अपना मनचाहे पूर्ण कर सकते हैं।
- इस साधना को आप 1 तारीख, 15 तारीख और महीने की आखिर तारीख को कर सकते है।
- सूरज निकलने के बाद और सूरज डूबने से पहले आप इस साधना को किसी भी टाइम में कर सकते है।
- साधना वाले दिन आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।
- साधना के दौरान अपने सामने गुलाब के फूल, रोटी का चूरमा, खुशबूदार अगरबत्ती, और सवा मीटर सफ़ेद कपडा रखना होगा।
- किसी नदी किनारे बैठकर पीर बाबा को बुलाने के मंत्र को 101 बार जाप करना है।
- ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह, अल्लाह ताला कुल्ले नूर या मोहम्मद या रसूल, तेरी किश्ती तेरा पूर, पार लगाई या रसूल, खुदा बन्दे बेड़े लोंदा, दम ज़िंदा दम शामदार, तेरा डंका बरक़रार, तेरा मेला हर मैदान, या मोहम्मद या रसूल।
साधन पूर्ण करने के बाद सारा सामान वही छोड़ कर अपने घर चले आना है। घर आते समय आपको ऐसा अहसास होगा, की कुछ घोड़े आपके पीछे-पीछे चल रहे है। आपको डरना नहीं है, और न ही पीछे मुड़कर देखना है। जैसे ही आप घर पहुंच जाये, तब आपको अच्छे से नहाना है। जब आप रात को सोने वाले होंगे, तभी आपके कमरे में पीर बाबा घोड़े पर बैठे हुए नज़र आएंगे। उस दिन के बाद आपके फूटी तकदीर हमेशा के लिए बदल जाएगी। आपकी हर इच्छाएं अपने आप पूरी हो जाएगी।
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