Dukan Me Barkat Ki Dua
Dukan Me Barkat Ki Dua, “सबसे पहले आप जानिए की, कि बरकत कैसे कहते हैं? बरकत का सही मतलब है, कि जिस काम को करने के बाद उसमें इज़ाफ़ा हो। और मन को ख़ुशी मिले उसे ही बरकत कहा जाता है।
फिर बरकत चाहे आपकी सेहत में हो, माल ओ दौलत में हो, रोज़ी रोटी में हो, आपकी दुकान में हो या फिर आपके कारोबार में हो। बरकत आपके जन्म के साथ ही शुरू होती है। और आपकी उम्र पूरी होने के साथ ही आपकी बरकत आपके साथ चली जाती है।
कुछ लोग अपने कारोबार को चलने में बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन उनके कारोबार में ज्यादा कोई मुनाफ़ा नहीं हो पाता है। या फिर आपकी दुकान में ग्राहकों की भीड़ नहीं रहती है। तो ऐसे में आपको लगता है, कि दुश्मनों ने आपके कारोबार या दुकान पर काला जादू करवा कर बंदिश लगा दी है।
जादू के असरात से आपके सभी काम धंधे चौपट हो जाते है। पूरे दिन दुकान पर कोई ग्राहक नहीं आता है। आखिर में थक हारकर गूगल या यूट्यूब से Dukan Me Barkat Ki Dua देखते है और उसको करते है, लेकिन आपको फिर भी कोई फायदा नहीं मिलता है।
आज हम आपके कारोबार और दुकान में बरकत के लिए दुआ बताने जा रहे हैं। इस दुआ को हज़ारों लोगों ने आजमाया है। और उनकी दुकान में बरकत फिर से शुरू हो गई है। आप भी हमारे बताए हुए तरीक़े कार से ये दुआ पढ़ेंगे, तो इंशा अल्लाह आपके सभी बरकत के दरवाजे खुल जाएंगे।
Dukan Me Barkat Ki Dua
आपकी दुकान एक जगह अच्छे से नहीं चल पाती है, तो आप दुकान खाली करके कहीं दूसरी जगह दुकान खोल लेते हैं। लेकिन फिर भी आपकी दुकान में बरकत आने का नाम तक नहीं लेती है। यहां तक कि दुकान का किराया भी अपनी जेब से देना पड़ता है। दुकान पर रखे हुए कारीगर या नौकर का वेतन भी महीने में मुश्किलों से निकल पाता है।
जब दुकान में पूरी तरह सन्नाटा छा जाता है, तब आप किसी मौलवी से दुकान में बरकत का तावीज़ बनवाते है। वो तावीज़ अपनी दुकान की दीवार पर लटका देते है। लेकिन फिर भी दुकान में कोई कोई कस्टमर नहीं आता है। अगर आप दुकान में बरकत को लेकर परेशान हो चुके हैं। आज की बताई गई Dukan Me Barkat Ki Dua आपकी दुकान के बंद ताले हमेशा के लिए खोल देगी।
- इस दुआ को बच्चे, बूढ़े, मर्द-औरत सब पढ़ सकते है। बस ध्यान रहे कि बिना नहाये इस दुआ को कभी नहीं पढ़ना है।
- आप इस दुआ को रोज़ाना भी पढ़ सकते हैं।
- जब आप सुबह अपनी दुकान का ताला खोलेंगे, तो उससे पहले आपको ये दुआ 41 मर्तबा पढ़नी है।
- दुआ – लिल्लाह व फाई अल्समात वालर्ड ‘इन अल्लाह हु अलघानिउ अलहमीदुह
- दुआ के असर से दुकान में जितनी भी कमाई होगी। उसका कुछ हिस्सा गरीब लोगों में बाँटना है।
दुकान चाहे नई हो या पुरानी अगर दुकान पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं, तो बिना देरी करे इस पावरफुल दुआ को पढ़े। इंशा अल्लाह आपके दुकान के आगे ग्राहको की भीड़ लग जाएगी। आपके पास इतना भी टाइम नहीं होगा, की आप दुकान से उठकर खाना खा सके। ग्राहको की भीड़ आपसे संभाले से नहीं संभलेगी नहीं। दुआ के असर से दुकान का गल्ला हमेशा पैसे से भरा रहेगा।
Karobar Me Barkat Ki Dua
जिंदगी का गुजारा करने के लिए कोई ना कोई तो काम धंधा ज़रूर करना पड़ता है। कुछ लोग दिन रात कड़ी मेहनत करके अपने घर को कैसे न कैसे करके चलाते है। रोजाना माली तंगी का सामना करना पड़ता है। 2 वक़्त की रोटी का भी ठीक से इंतज़ाम नही हो पाता है। जिस दिन काम मिल जाता है, उस दिन का खाना मिल जाता है। जिस दिन काम नहीं मिलता उस रात भूखा ही सोना पड़ता है।
कुछ लोग जल्दी अमीर और दौलतमंद बनने के लिए खुद का कारोबार शुरू करते हैं। वो अपनी सारी जमा पूँजी अपने कारोबार को खड़ा करने में निवेश कर देते हैं। सोचते है, की कारोबार शुरू कर लिया और 5-10 साल में आप अमीर बन जाएंगे। लेकिन होता सब आपकी सोच के विपरीत है। कारोबार में लाभ और हानि तो चलती रहती है। लेकिन कभी कभी ऐसे बुरे दिन आपके पीछे लग जाते है। जब आपको लगातार हानि का सामना करना पड़ता है।
कोई भी कारोबार शुरू करने से पहले सौ बार सोचा जाता है। उसके बाद ही कारोबार खड़ा किया जाता है। शुरुआत में कारोबार तो बहुत तेज़ी से चलता है। लेकिन कुछ सालों के बाद कारोबार के ऐसे हालात हो जाते हैं, कि उसको ताला लगाकर घर बैठना पड़ जाता है। लाखों रुपया का कर्ज सर पर चढ़ जाता है। जिसकी वजह से आप चिंता में रहने लग जाते है। रात को नींद नहीं आती और दिन को चैन नहीं मिलता है। लेकिन आज मैं आपको बरकत की एक ऐसी दुआ बताने जा रहा हूं। जैसे कारोबार के बंद पड़े ताले पर लगाने के बाद आपका कारोबार रॉकेट से भी तेज उड़ान लग भरने लग जाएगा।
- इस वज़ीफ़ा को आपको शनिवार के दिन ही करना है।
- बाजार से आपको एक चाँदी का तावीज़ खरीद कर लाना है।
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उस तावीज़ में 11 चावल के दाने डालने है। चावल के दाने सबूत होने चाहिए।
- अब इस ताबीज़ को लाल धागे में पिरो लेना है।
- उसके बाद तावीज़ को कच्चे दूध से धोना है।
- अब तावीज़ को अपने सामने रखकर इस दुआ को 11 बार पढ़ना है।
- वलाकाद मक्कनकुम फाई अल’अर्ड वाजेएलना लैकुम फिहा मइयाश क़लीलान
- और आखिर में उस तावीज़ को अपनी तिजोरी या पर्स में रख लेना है।
अगर आप अपने कारोबार से आप परेशान हो चुके हैं। इस वज़ीफ़ा को करने के साथ ही आपको अपने कारोबार से बेइंतहा मोहब्बत हो जाएगी। कारोबार को चलने में आपको मजा आने लगेगा। बंदिश से बंद पड़ा कारोबार खुल जाएगा। आप कारोबार में जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे, अल्लाह आपकी खाली झोली उतना ही माल और दौलत से भर देंगे।
Rozi Me Barkat Ke Liye Dua
रोज़ी रोटी हर व्यक्ति के जीवन का एक हिस्सा है। जिस तरह इंसान की परछाई उसका साथ नहीं छोड़ती है। ठीक वैसे ही रोज़ी रोटी भी इंसान के आखिर दम तक साथ नहीं छोड़ती है। रोज़ी ही व्यक्ति की जीने की आस है। रोज़ी से व्यक्ति अपने भविष्य को सुखमय बना सकता है। और अपने बच्चों की अच्छे से परवरिश कर सकते हैं।
कहते हैं, कि पैसा हाथ की मेल होता है। लेकिन कुछ मामलों में लोगों के पास पैसा टिकता ही नहीं है। महीने भर मेहनत करके जो कमाते हैं। वो सब खर्च हो जाता है। मुश्किल हालातों से सफर करना पड़ता है। तब जाकर 1 समय के खाने का जुगाड़ हो पाता है और घर खर्चा निकल पाता है। कुछ दुआ और वज़ीफ़ा तो इतने बड़े होते हैं, जिनको सुबह पढ़ने बैठो तो शाम हो जाए। पवित्र कुरान में एक ऐसी दुआ है। जिसे पढ़ने में आपको चंद मिनट का ही समय लगता है।
आज ऐसी ही आसान दुआ आपको बताने जा रहा है। ये दुआ इतनी जबरदस्त है, कि आपकी सोई हुई किस्मत जाग जाएगी। इंशा अल्लाह आपके रोज़ी और रिज़्क़ में बरकत होगी। इसके साथ ही आपको तंगी से निजात मिल जाएगी। आपका सालो से ठप पड़ा कारोबार भी घड़े की तेज़ रफ़्तार से दौड़ने लग जाएगा। आज मैं ऐसे परेशान और दुखी लोगों के लिए Rozi Me Barkat Ke Liye Dua लेकर आया हूँ। जिसे पढ़ते ही आपकी रोज़ी में लगी बंदिश दूर हो जाएगी
- अगर आपके पास पैसा रुकता नहीं है, तब आप इस दुआ को पढ़ सकते है।
- इस वज़ीफ़ा को कोई भी औरत या मर्द कर सकता है।
- ला इलाहा इल्ल अलमालिक अलहक मुबीन
आपके घर में बारिश के जैसे रोज़ी में बरकत होगी। जो कभी रुकने का नाम नहीं लेगी। रोज़ी की रुकावट से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। आपके बिगाड़े काम बनते चले जाएंगे। पैसों की परेशानी से निजात मिलेगी। हर तरह आपकी वाह वही होगी। लोगों की नज़रों में आपका नाम चाँद के जैसे चमकने लग जायेगा।
Ghar Me Khair o Barkat Ki Dua
जिस व्यक्ति के सर पर घर की जिम्मेदारी होती है। वो हमेशा अपने घर में खैर ओ बरकत चाहता है। उसको हर वक्त अपने घर के बारे में सोचना पड़ता है। सही ग़लत के फ़सल लेने पड़ते हैं। मुश्किल घड़ी में घरवालों की हिफ़ाज़त करनी पड़ती है। लेकिन घर के हालात तब खराब हो जाते है। जब लोगों की बुरी नज़र आपके हस्ते खेलते घर पर पड़ जाती है। आपके घर से खैर ओ बरकत छीन ली जाती है। घर में खैर ओ बरकत आपकी आँखों के सामने से पूरी तरह खत्म हो जाती है। देखते ही देखते आप घर से सड़क पर आ जाते है।
खैर ओ बरकत खत्म होने से घर में आये दिन लड़ाई झगड़े होने शुरू हो जाते है। घर में पैसे नहीं आते है। और जो घर में पैसे बचा कर रखे होते है, वो सब भी दवा पानी में लग जाते है। घर में सभी लोग बीमार पड़ने लग जाते है। हॉस्पिटलों के चक्कर लागने पड़ते है। घर ऐसा हो जाता है, मानो एक हरे भरे पेड़ को काफ़ी सालो से पानी न दिया हो, और वो बिलकुल सूख गया हो। आज इस लेख में Ghar Ki Khair o Barkat Ki Dua लेकर हाजिर हुआ हूं।
- घर का एक सदस्य 5 वक्त की नमाज़ पर पाबंदी लगाए।
- आप किसी भी तरह का नशा करते है, तो वो आज ही छोड़े।
- आप घर में जब भी फ्री हो तब इस दुआ को पढ़ सकते है। इस दुआ को 40 दिन के अंदर 3000 बार पढ़ना है।
- दुआ- या मनिउ या सबुरो
Paiso Me Barkat Ki Dua
- घर में किसी जानवर की तस्वीर होना।
- दोपहर के वक्त नींद लेना।
- खाने का अनादर करना।
- जुआ, लॉटरी, सट्टा खेलना।
- किसी भी तरह का नशा करने से पैसों में बिलकुल बरकत समाप्त हो जाती है।
इन गलतियों की वजह से आपके घर में रहमत के फ़रिश्ते कभी दाख़िल नहीं होते हैं। आप अल्लाह को मनाने की लाख कोशिश करते है। लेकिन आपका अल्लाह आपसे रूठ जाता है।
अगर आप पैसों की तंगी का सामना कर रहे है, तो आज की बताई गई Paiso Me Barkat Ki Dua आपके बहुत काम आने वाली है। इस अमल को 11 दिन करना है। एक दिन में सिर्फ एक बार ही इस दुआ को पढ़ना है। इस दुआ को सुबह सूरज निकलने से पहले पढ़नी है।
दुआ – हस्बिअल्लाहु ला इलाहा इल्ला हू अलैहि तवक्कलतु वा हुआ रब्बुल अर्शिल अज़ीम
ग्यारहवें दिन ऐसा चमत्कार होगा, की आपके घर में खुशियों की लाइन लग जाएगी। आप अल्लाह का शुक्र अदा करते-करते थक जाएंगे।
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निष्कर्ष –
आपको खुशियाँ देने वाला और आपसे खुशियाँ लेने वाला सिर्फ अल्लाह ही है। बस आपको किसी भी वक़्त अल्लाह का साथ नहीं छोड़ना चाहिए है। मुसीबत की घड़ी से बाहर सिर्फ आपको अल्लाह ही निकल सकते है। इसलिए अल्लाह तल्लाह पर पूरा यकीन रखे।
हर रोज़ उठने के साथ ही अल्लाह से दुआ और इबादत करे। आप मेरे जितना भी कमाते हैं, उसका कुछ हिस्सा गरीब लोगों में सदका या दान के रूप में दे। हर दिन अच्छा सोचे, अच्छे रचनात्मक ख्याल अपने दिमाग में लाए। अच्छे लोगों के साथ उठना बैठना शुरू करें। जिस भी बुरी चीज़ की लत लगी है। उनका आज ही त्याग करे।
ऐसा करने से आपके दिल को शकुन मिलेगा, और अल्लाह तल्लाह आपके नए काम से खुश होकर अपने फरिश्ते आपकी बरकत की राह में लगा देंगे। ये फरिश्ते आपकी बरकत को 4 गुना बढ़ा देंगे। उसके बाद आपका दिल इतना नेक हो जाएगा, आप खुद ही बेसहारा और जिंदगी से लाचार लोगों की मदद करने लग जाएंगे।
अंत में बस इतना ही कहना चाहेंगे, की जिस काम को भी करे दिल से और पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करे। ईशा अल्लाह आपके कारोबार में, दुकान में और रोज़ी रोटी में अपने आप ही बरकत आना शुरू हो जाएगी।