Naraz Shohar Ko Manane Ki Dua

Naraz Shohar Ko Manane Ki Dua

Naraz Shohar Ko Manane Ki Dua Naraz Shohar Ko Manane Ki Dua,”दोस्तो जहां मोहब्बत होती है, वहां नफ़रत भी है। और जहां नफ़रत है, वहां नाराज़गी का होना लाज़मी है। एक बहन के लिए भाई को मनाना कोई बड़ी बात नहीं है। एक माँ को बेटे को मनाना ये भी कोई बड़ी बात नहीं है।

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