Musibat Se Bachne Ki Dua
Musibat Se Bachne Ki Dua,”अल्लाह ने अगर अपने बंदे को मुसीबत में डाला है, तो उससे निजात पाने के लिए भी अनेक रास्ते निकले हैं। जब किसी व्यक्ति पर मुसीबत का एक दरवाजा बंद होता है, तो अल्लाह तल्ला अपने बच्चो को बचाने के लिए 4 दरवाजे खोल भी देता है। आप ये दरवाजे Musibat Se Bachne Ki Dua पढ़कर खोल सकते हैं।
आप सभी ने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी, कि ऊँट पर बैठे इंसान को कुत्ता भी काट लेता है। कहने का मतलब ये है, कि जब इंसान का बुरा समय चल रहा होता है, तो उसकी परेशानी ख़त्म होने का नाम नहीं लेती है। आज हम आपको मुसीबत से बचने के कुछ क़ुरानी दुआ, वज़ीफ़ा और अमल बतायेगे। जिनको करके आप हर मुसीबत से बच सकते है।
Har Musibat Se Bachne Ki Dua
अल्लाह ने हर व्यक्ति के अंदर एक ऐसी रूह पैदा की, जो आने वाली परेशानीयो को इंसान को पहले ही बता देती है। जिससे वो सतर्क हो जाता है, और Har Musibat Se Bachne Ki Dua को पहले ही पढ़ सकता है।
कहते हैं इस दुनिया से इंसान चला जाता है। लेकिन परेशानियाँ कभी पीछा नहीं छोड़ती हैं। परेशानियाँ हर दम इंसान के साथ परछाई बनकर साथ चलती हैं। इंसान से थोड़ी सी गलती हुई और परेशानियाँ उसके सामने आकर खड़ी हो जाती हैं।
हर परेशानी एक सबक है। परेशानी इंसान को मजबूर और समझदार इंसान बनती है। परेशानी से भागने से अच्छा है, परेशानी से डटकर लड़ा जाए। लेकिन कुछ लोग कमजोर दिल के होते हैं, जब उन पर छोटी सी भी परेशानियाँ आती है, तो घबरा जाते है।
लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आज मैं आपके लिए कुरान पाक से Musibat Se Bachne Ki Dua लेकर आया हूं। जिसे पढ़ने से ही आपकी जिंदगी की सारी परेशानी जड़ से खत्म हो जाएगी।
- जब भी आप किसी परेशानी में फंसे हो। तब आपको इस दुआ मुबारक को पढ़ना है।
- इसे आप सुबह शाम, उठते बैठते, सोते जागते जब कहीं भी आपको वक्त मिले इसको पढ़ लीजिएगा।
- दोस्तों आपको एक बिल्कुल पीला नींबू लेना है। उसके बाद चाकू से उसके 2 हिस्से करने है।
- नींबू को सीधे हाथ में पकड़कर इस मंत्र को 21 बार बोलना है। हस्बुनल्लाहु वा नि’मल वकील या वारिस या नसीर
- आखिर में आपको एक निम्बू के हिस्से को सड़क के बीचों बीच रख देना है। और निम्बू के दूसरे हिस्से को अपनी घर की छत पर रख देना है।
इस मंत्र को आप जितनी बार बोलोगे, आपकी परेशानी आपसे उतनी ही दूर भागेगी। इंशा अल्लाह आप उसी वक़्त परेशानी से बाहर निकल जायेंगे।
Musibat Se Nikalne Ki Dua
क्या आप किसी मुसीबत के दलदल में फंस गए हैं। काफ़ी साल गये है। लेकिन आप उससे बाहर निकलने में कामयाब नहीं हो पा रहे है।मुसीबत में पड़ा हुआ इंसान और मौत से लड़ रहा इंसान दोनों की जिंदगी एक जैसी ही होती है। इंसान के पास मुसीबत कभी बताकर नहीं आती है। वो ना ग़रीब देखती है और ना ही अमीर।
जब इंसान मुश्किल में फंस जाता है, तो उसको सिर्फ ऊपरवाला ही याद आता है। फ़िर वो Musibat Se Nikalne Ki Dua पढ़ता है। लेकिन कोई दुआ कब पढ़नी है, इसकी जानकारी उसे मालूम नहीं होती है।
आज मैं जो आपको मुसीबत से निकलने कि दुआ बताने जा रहा हूं। ये उस वक्त की है, जब मिस्र का फिरौन अपने लोगो पर ज़ुल्म कर रहा था। तब लोगो ने Musibat Se Bachne Ki Dua ये ही पढ़ी थी।
- इस घर का सबसे बड़ा दिन ही कर सकता है। जैसे आपके दादा दादी, पापा या मामी जो घर में उमर में सबसे बड़ा हो।
- सुबह जब नहाने जाओ तो एक बाल्टी पानी की भरनी है।
- सूरह अल इमरान की आयत नंबर: 154
- मीम बादिल गम्मी अमानतन नू आस को 11 बार पढ़कर उस पानी की बाल्टी के 1 बार जोर से फूंक मारनी है।
- उसके बाद आपको उस पानी से नहाना है।
इस दुआ को पढ़ने से आपके तनाव और चिंता की बीमारियां जड़ से मिट जाएगी। और वो आदमी आसमान में ऐसा उड़ेगा, जैसे कई सालों से बंद पिंजरे से किसी पंछी को आज़ाद किया हो। ये दुआ आपके दिल को सुकून दिलाने का काम करेगी।
Pareshani Se Nijat Pane Ka Wazifa
परेशानी चाहे घर की हो या बाहर की, परेशानी तो परेशानी ही होती है। परेशानी इंसान के पास कई प्रकार के नामो से आती है। जैसे कोर्ट-कचहरी, अस्पताल, बैंक का कर्ज, कारोबार न चलना, शादीशुदा जिंदगी में परेशानियाँ आदि।
जिस व्यक्ति पर परेशानी आ जाती है, उसका दिमाग काम बंद कर देता है। उसको हर तरफ़ सिर्फ़ बर्बादी ही बर्बादी नज़र आती है। ऐसे हालात में खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे बुरे समय में आप Pareshani Se Nijat Pane Ka Wazifa जरूर पढ़ें।
- जब आप के ऊपर सुई से लेकर पहाड़ जितनी बड़ी परेशानी आ जाए, तो आप इस इस्लामिक वज़ीफ़ा को कर सकते हैं।
- इस अमल का जितना दिल में राज़ रखोगे, ये अमल उतना ही अपना असर दिखायेगा।
- जब रात को सोने लगो तो ऐसे कमरे में आपको सोना है, जिसमें आपके अलावा कोई दूसरा व्यक्ति ना हो।
- बिस्तर पर लेटकर अपने दिमाग को बिल्कुल आराम देकर दोनों आखे बंद करके इस मंत्र को 41 मर्तबा बोलना है। रब्ब-ए-जुल-जलाल
जैसा ही आप 41बार मंत्र बोल देंगे तभी आपको चुप हो जाना है। अगर हो सके तो आपको पुरे दिन मुँह से एक शब्द भी नहीं निकलना है। दोस्तों इस वज़ीफ़ा को पढ़ने के बाद आपको कोई भी परेशानी इंशा अल्लाह कभी परेशान नहीं करेगी।
Pareshani Door Karne Ka Amal
परेशानी ट्रेन की तरह है, एक जाती है, तो दूसरी आ जाती है। आप जिंदगी में आगे बढ़ने की सोचते हैं, लेकिन अचानक एक ऐसी परेशानी आ जाती है। जो आपके सारे काम पर पानी फेर देती है। आपके दिमाग में सारा दिन बस को लेकर चिंता बनी रहती है। आप परेशानी से जितना दूर भागते है। परेशानी आपका पीछा ही नहीं छोड़ती है।